Motor Vehicles (Amendment) Bill 2019
If there is no documents related to the motor vehicle, then 15 days will be given, it is not a crime.
✅ Rule 139 of Central Motor Vehicle Rules provides that the driver 15 days time will be given to present the documents.
If the driver claims to show these documents within 15 days, then traffic police or RTO officials will not deduct the challan of the vehicle. After this, the driver has to show these documents to the traffic police or officer concerned within 15 days.
Under Section 158 of the Motor Vehicle Act 2019, the time for getting an accident or showing these documents in special cases is 7 days.
If the traffic police cuts the challan if the RC, DL, Insurance certificate, Pollution under control certificate, Driving license and permit certificate are not shown immediately, then the driver has the option to dismiss it in court.
It is also important to have a witness sign in the challan. During the summit trial of the case in court, the traffic police has to present witness. If the police is unable to present the witness, the court may waive the challan. He told that in most of the cases the police is unable to present the witness and the driver gets the benefit.
Senior Advocate Garg says that if the traffic police illegally deducts the challan, it does not mean that the driver will have to fill the challan. The challan of the traffic police is not a court order. This can be challenged in court. If the court feels that the driver has all the documents and he is not given 15 days time to present these documents, then he can waive the fine.
Since the implementation of the new Motor Vehicle Act 2019, there have been reports of heavy challaning of vehicle registration certificate (RC), insurance certificate, pollution under control certificate, driving license and permit certificate not showing immediately.
However, according to the Central Motor Vehicle Rules, if you do not immediately show the Registration Certificate (RC), Insurance Certificate, Pollution Under Control Certificate, Driving License (DL) and Permit Certificate on demand to the traffic police, then it is not a crime.
✅ मोटर-गाड़ी से जुड़े दस्तावेज नहीं हैं तो 15 दिन का समय दिया जाएगा, यह जुर्म नहीं है |👮...🏍️..🚙...
✅ सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के नियम 139 में प्रावधान किया गया है कि वाहन चालक को दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाएगा |
अगर चालक 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को दिखाने का दावा करता है, तो ट्रैफिक पुलिस या आरटीओ अधिकारी वाहन का चालान नहीं काटेंगे. इसके बाद चालक को 15 दिन के अंदर इन दस्तावेजों को संबंधित ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी को दिखाना होगा |
✅ मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 158 के तहत एक्सीडेंट होने या किसी विशेष मामलों में इन दस्तावेजों को दिखाने का समय 7 दिन का होता है |
अगर ट्रैफिक पुलिस आरसी, डीएल, इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर चालान काटती है, तो चालक के पास कोर्ट में इसको खारिज कराने का विकल्प रहता है|
✅ चालान में एक विटनेस के साइन होना भी जरूरी है. कोर्ट में मामले के समरी ट्रायल के दौरान ट्रैफिक पुलिस को विटनेस पेश करना होता है. अगर पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है, तो कोर्ट चालान माफ कर सकती है. उन्होंने बताया कि ज्यादातर मामलों में पुलिस विटनेस पेश नहीं कर पाती है और इसका फायदा चालक को मिलता है|
सीनियर एडवोकेट गर्ग का कहना है कि अगर ट्रैफिक पुलिस गैर कानूनी तरीके चालान काटती है, तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता है कि चालक को चालान भरना ही पड़ेगा. ट्रैफिक पुलिस का चालान कोई कोर्ट का आदेश नहीं हैं. इसको कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. अगर कोर्ट को लगता है कि चालक के पास सभी दस्तावेज हैं और उसको इन दस्तावेजों को पेश करने के लिए 15 दिन का समय नहीं दिया गया, तो वह जुर्माना माफ कर सकता है.
नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद से वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टीफिकेट (RC), इंश्योरेंस सर्टीफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस और परमिट सर्टिफिकेट तत्काल नहीं दिखाने पर ताबड़तोड़ चालान करने की खबरें आ रही हैं.
हालांकि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के मुताबिक अगर आप ट्रैफिक पुलिस को मांगने पर फौरन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस (DL) और परमिट सर्टिफिकेट नहीं दिखाते हैं, तो यह जुर्म नहीं है.
Motor
Vehicles (Amendment) Bill 2019
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Section
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Description
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New Minimum Penalties
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Old Penalty
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177
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General
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Rs 500
|
Rs 100
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New 177A
|
Rules of road regulation violation
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Rs 500
|
Rs 100
|
178
|
Travel without ticket
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Rs 500
|
RS 200
|
179
|
Disobedience of orders of
authorities
|
Rs 2000
|
Rs 500
|
180
|
Unautorized use of vehicles without licence
|
Rs 5000
|
Rs 1000
|
181
|
Driving without licence
|
Rs 5000
|
Rs 500
|
182
|
Driving despite disqualification
|
Rs 10,000
|
Rs 500
|
182 B
|
Oversize vehicles
|
Rs 5000
|
New
|
183
|
Over speeding
|
Rs 1000 for
LMV, Rs 2000 for Medium passenger vehicle
|
Rs 400
|
184
|
Dangerous driving penalty
|
Upto Rs 5000
|
Rs 1000
|
185
|
Drunken driving
|
Rs 10,000
|
Rs 2000
|
189
|
Speeding / Racing
|
Rs 5,000
|
Rs 500
|
192 A
|
Vehicle without permit
|
Upto Rs 10,000
|
upto Rs 5000
|
193
|
Aggregators (violations of licencingconditions)
|
Rs 25,000
to Rs 1,00,000
|
New
|
194
|
Overloading
|
Rs 20,000
and Rs 2000 per extra tonne
|
Rs 2000 & Rs 1000 per
extra tonne
|
194 A
|
Overloading of passengers
|
Rs 1000 per extra passenger
|
|
194 B
|
Seat belt
|
Rs 1000
|
Rs 100
|
194 C
|
Overloading of two wheelers
|
Rs 2000, Disqualification for
3 months for licence
|
Rs 100
|
194 D
|
Helmets
|
Rs 1000 Disqualification for 3
months for licence
|
Rs 100
|
194 E
|
Not providing way for emergency
vehicles
|
Rs 10,000
|
New
|
196
|
Driving Without Insurance
|
Rs 2000
|
RS 1000
|
199
|
Offences by Juveniles
|
Guardian / owner shall be deemed to
be guilty. Rs25,000 with 3 yrs imprisonment.
For Juvenile to be tried under JJ Act. Registration of Motor Vehicle to be
cancelled
|
New
|
206
|
Power of Officers to impound
documents
|
Suspension of driving licenses u/s
183, 184, 185, 189, 190, 194C, 194D, 194E
|
|
210 B
|
Offences committed by enforcing
authorities
|
Twice the penalty under the
relevant section
|
यातायात
नियम तोड़ने
पर अब
इतना देना
होगा जुर्माना
नए मोटर
व्हीकल एक्ट के
मुताबिक ड्राइविंग
लाइसेंस
(DL) और व्हीकल
रजिस्ट्रेशन
के लिए
आधार अनिवार्य
होगा।
बगैर हेलमेट
या ओवरलोड
दोपहिया वाहन पर
3 महीने के लिए
ड्राइवर लाइसेंस अयोग्य। बगैर हेलमेट
पर 1 हजार
रुपए और
ओवर लोडिंग
पर दो
हजार रुपए
जुर्माना।
नाबालिग के वाहन
चलाते समय हादसा
होने पर
अभिभावक को 25 हजार
रुपए का
जुर्माना
भरने के
साथ-साथ 3 साल की
सजा हो
सकती है
साथ ही
जुवेनाइल
एक्ट के
तहत मामला
चलेगा।
अब हिट-एंड-रन
के केस
में सरकार
पीड़ित के परिजनों
को 2 लाख
या इससे
ज्यादा का मुआवजा
देगी। ये रकम
फिलहाल 25,000 है।
रोड रेगुलेशन्स
के उल्लंघन
पर अब
100 नहीं, 500 रुपए का
जुर्माना।
टिकट के
बिना ट्रैवल
करने का
जुर्माना
200 से बढ़कर
500 रुपए।
अथॉरिटी के आदेशों
के उल्लंघन
पर जुर्माना
500 से बढ़ाकर
2,000 रुपए। लाइसेंस के बिना
अनाधिकृत
वाहन इस्तेमाल
करने पर
जुर्माना
1,000 से बढ़ाकर
2,000 रुपए।
लाइसेंस के बिना
गाड़ी चलाने पर
जुर्माना
500 से बढ़ाकर
5,000 रुपए। ड्राइविंग
क्वालिफिकेशन
के बिना
ड्राइव करने पर
जुर्माना
500 से बढ़ाकर
10,000 रुपए।
ओवरसाइज्ड व्हीकल
पर 5,000 का
जुर्माना।
ओवर स्पीडिंग
पर जुर्माना
400 से बढ़ाकर
LMV के लिए
1000 का जुर्माना
और मीडियम
पैसेंजर व्हीकल के लिए
2,000 का जुर्माना।
खतरनाक ड्राइविंग
करने पर
जुर्माना
1,000 से बढ़ाकर
5,000 रुपए। शराब पीकर
गाड़ी चलाने पर
2 हजार की
बजाय 10 हजार
रुपए जुर्माना
लगेगा।
स्पीडिंग या रेसिंग
करने पर
2,000 नहीं 10,000 हजार भरने
होंगे। बिना परमिट
के गाड़ी
चलाने पर 5000 से
बढ़ाकर 10,000 रुपए।
कैब एग्रीगेटर्स
जैसे ओला,
उबर के
वाहन लाइसेंसिंग
शर्तों के उल्लंघन
पर कंपनियों
पर 25,000 से
1 लाख रुपए
तक का
जुर्माना।
सीट बेल्ट
न लगाने पर जुर्माना
100 रुपए से
बढ़ाकर 1,000 रुपए।
एंबुलेंस जैसी आपातकालीन
गाड़ियों
को रास्ता
न देने पर 10,000 रुपए
का जुर्माना
या फिर
6 माह की
जेल। बिना
इंश्योरेंस
के 1,000 से
जुर्माना
बढ़ाकर 2,000 रुपए।
थर्ड पार्टी
बीमा भी
जरूरी है। ड्राइवर
और क्लीनर
का थर्ड
पार्टी इंश्योरेंस
होगा। हादसे में
मृत्यु पर 50 हजार
से 5 लाख
रुपए तक
मुआवजे का प्रावधान
है। अज्ञात
वाहन की
टक्कर से मौत
पर 25 हजार
से 2 लाख
और घायल
होने पर
साढ़े 12 से
50 हजार रुपए
का मुआवजा
दिया जाएगा।
मोटर व्हीकल
एक्सीडेंट
फंड बनाया
जाएगा, जिसमें सड़क पर
चलने वाले
सभी चालकों
का इंश्योरेंस
होगा। इसका इस्तेमाल
घायल के
इलाज और
मृत्यु होने पर
परिजनों को मुआवजा
देने के
लिए किया
जाएगा। हादसे में
घायल का
फ्री में
इलाज करना
होगा।
लर्निंग लाइसेंस
के लिए
पहचान पत्र का
ऑनलाइन वेरीफिकेशन
अनिवार्य।
कमर्शियल
लाइसेंस 3 के बजाय
5 साल के
लिए मान्य
होंगे।
लाइसेंस रिन्यूवल
अब खत्म
होने के
एक साल
के अंदर
कराया जा सकेगा।
ड्राइवरों
की कमी
पूरी करने
के लिए
ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल खोले
जाएंगे। नए वाहनों
का रजिस्ट्रेशन
डीलर करेगा।
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